Friday, September 16, 2011

कल की एक कहानी

आज जो  तेरी मेरी बातें हैं ,
कल की एक कहानी हैं !
दुःख में ढलती शाम कहीं ,
कहीं ऋतुये बड़ी सुहानी हैं !
छलके मोती कहीं अंखियो से,
कहीं खुशियों की किलकारी हैं !
नाउम्मीदी के पल जीवन में कहीं ,
कहीं आशाओ की बिखरी नई किरण हैं !
गुंजन करते भंवरे बगियन में ,
कहीं तितली की कोई कहानी हैं !
घास पे लिपटी कहीं ओस की बूंदे,
कहीं रिमझिम बरसता पानी हैं !
कहीं दूर है कोई पास मगर ,
कहीं पास है फिर भी दूरी हैं
आज जो  तेरी मेरी बातें हैं ,
कल की एक कहानी हैं !

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