Friday, September 16, 2011

मेरी परवाज़

होगी खबर एक दिन तुम्हे मेरी परवाज़ की !
जब ज़माने में अपनी भी पहचान होगी !!
कमी होगी तब तुम्हे मेरे अहसास की !
जब मेरे तक पहुचने की कोई राह न होगी !!
कमियां है हमे तो हुनर भी कुछ कम नही !
एक दिन इन्ही हुनरो की अपनी ही बात होगी !!
नेक नही हम तो नेकी भी कुछ कम नही !
मेरी दुओं की में तेरी ही बात होगी !!
दोस्तों के लिए ज़िन्दगी के कुछ पल कम नही !
एक दिन ये ज़िन्दगी भी उनके नाम होगी !!
झुक जाये हम वो इंसान नही !
किसी एक की खातिर ये ज़िन्दगी भी कुर्बान होगी !!
आज संग है तेरे , कल तेरी यादो में होगे !
नमी के कुछ कतरे तेरी आँखों में होंगे !!
खुलेगी जब ज़िन्दगी में यादों की किताब !
होंठो  पे हंसी आँखों में तेरी नमी होगी !!

होगी खबर एक दिन तुम्हे मेरी परवाज़ की !
जब ज़माने में अपनी भी पहचान होगी !!

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