Wednesday, June 20, 2012
Sunday, June 17, 2012
सच पूछो तो अच्छा सा लगा !
तेरा मेरे पास आना
पास आके यूँ मुस्कराना
सच पूछो तो अच्छा सा लगा !
एक टक बस मुझे देखते रहना
देखकर मन ही मन मुस्कराना !
सच पूछो तो अच्छा सा लगा !
बिना कुछ बोले घंटों तक बैठे रहना
मेरे बालों में तेरी उंगलिओं का फेरना !
सच पूछो तो अच्छा सा लगा !
खामोश सी नज़रों से कुछ इशारे करना
कुछ ना कहकर भी सब बोल जाना
सच पूछो तो अच्छा सा लगा !
वो ग़ज़ल मेरे चेहरे की
वो नगमे मेरी बातों की
सच पूछो तो अच्छा सा लगा !
वो तेरा हँसना और मुझे भी हँसाना
मुझे रुलाकर फिर हंसके मानना
सच पूछो तो अच्छा सा लगा !
-विधू यादव
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